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Bihar Board Class12Th Biology vvi question Answer 2023: बिहार बोर्ड क्लास 12th Biology वीवीआइ क्वेश्चन आंसर 2023

बिहार बोर्ड इंटर हिंदी का जितना भी पिछले 10 सालों में हिंदी जितना भी क्वेश्चन पूछे गए हैं जो इस पोस्ट के माध्यम से सभी क्वेश्चन एवं उत्तर बताया गया है जो अगले 2023 एग्जाम में भी क्वेश्चन पूछने का संभावना बन रहा है । तो आप लोग पोस्ट को पूरा पढ़ें तथा याद करें एवं पीडीएफ फ्री डाउनलोड कर ले ताकि आने वाले 2023 एग्जाम में कोई भी हिंदी का प्रश्न छूटे ना ।

 

(1). सूक्ष्म अंतःक्षेपण क्या है ? यह किस प्रकार से पुनर्योगज डी.एन.ए. तकनीक में मदद 2 करता है?

उत्तर :  इस विधि में कोई बाहरी डी०एन०ए० को सीधे तौर पर किसी जंतु कोशिका या पादप कोशिका के केंद्रक में inject किया जाता है। इसका उपयोग अंडाणु, अंडे तथा भ्रूण में किया जाता है। Jeffey S. Chamberlain एवं अन्य वैज्ञानिकों ने मिलकर चूहों में एक विकृति को दूर करने में सफलता प्राप्त की जिसमें आनुवंशिक रूप से Neuromuscular रोग हो गया था। यह रोग मनुष्य के Muscular dystrophy जैसा ही था।

(2).  प्रतिबंधन इंडोयूक्लिएज क्या है? आनुवंशिकी प्रौद्योगिकी में इसका क्या महत्त्व है 

उत्तर : प्रतिबंधन इंडोयूक्लिएज एक प्रकार का इंजाइम है, जो Cleaves DNA को recognition site के पास टुकड़ों में तोड़ने का काम करता है। जिसके कण को हम Restrinction site के नाम से जानते है। आनुवंशिकी प्रौद्योगिकी में इसका उपयोग कार्यो का निष्पादन करने के लिए प्रतिरक्षा एक सूक्ष्म रूप में तंत्र का हिस्सा है। जब एक वायरस से जीवाणु संक्रमण के बिना एक प्रतिबंध Endonuclease वायरस कणों का सफल संक्रमण हो सकता है। इससे अभिव्यक्ति की क्लोनिंग और मूल सेलुलर पर्यावरण जिससे एंजाइम की शुद्धता बढ़ती है।

बिहार बोर्ड क्लास 10Th vvi Question Answer 2023

Bihar Board Class12Th Biology vvi question Answer 2023

(3). वाहितमल से आप क्या समझते हैं? वाहितमल उपचार में सूक्ष्मजीवों की भूमिका का वर्णन करें।

 

उत्तर : रासायनिक संगठन के हिसाब से वाहितमल (Sewage) में करीब 99% जल तथा 1% ठोस वर्ज्य पदार्थ होते हैं। इसके अलावा बहुत से सूक्ष्मजीव जैसे जीवाणु (colliforms, streptococci. clostridia, lactobacilli, etc.), Microfungi, Protozoans, एवं Microalgae आते हैं। ये सूक्ष्मजीव वाहितमल का प्राकृतिक उपचार करते हैं।

 

वाहितमल उपचार में सूक्ष्मजीवों की भूमिका : सूक्ष्मजीवों का उपयोग कर कार्बनिक प्रदूषकों का अपघटन करवाया जाता है। इसके लिए वायवीय सूक्ष्मजीवों को यांत्रिक वातन टंकियों (Mechanical aeration tanks) से गुजारा जाता है। इन सूक्ष्मजीवों को लगातार ऑक्सीजन मिलता रहता है जिससे वृद्धि कर जीवाणु झुंड (flocs) बनाते हैं। द्वितीय उपचार के बाद बहिः स्राव (effluent) को सामान्यतः प्राकृतिक जलाशयों में बहा दिया जाता है।

 

(4). सूक्ष्म प्रवर्धन क्या है? इस विधि द्वारा पादपों के उत्पादन के मुख्य लाभ क्या है? उत्तर : सूक्ष्मप्रदर्धन तकनीक के अंतर्गत पादप का प्रवर्धन निहित है। इसमें कोशिका, ऊतक तथा

 

( 5 ). अंगों के culture को Tissue culture कहते हैं।

शुरुआत में कोशिका या ऊतक के cutturing द्वारा अविभेदित कोशिका का समूह बनता है जिसे calles कहते हैं जो बाद में विभेदित होकर बड़ी संख्या में Plantlets बनाता है। ऐसे plantlets की अलग-अलग बर्तन या नर्सरी में प्रतिस्थापन कर दिया जाता है जहाँ बड़ी संख्या में पादप का निर्माण होता है। Tissue culture तकनीक का उपयोग विषाणुराहत पादप, रोग रहित पादप तथा आर्किड्स, ग्लेडियोलस, कायरोमम तथा अन्य omamental पौधों को तैयार करने में किया जाता है। यह तकनीक पादप के तीव्र multiplication हेतु उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न- संख्या 1 से 11 तक लघु उत्तरीय प्रकार के हैं। प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है।

 

(6) डी०एन०ए०को संरचना का वर्णन करें।

उत्तर : उत्तर के लिए 2012 के प्रश्न संख्या 13 देखें। 2. ग्लोबल वार्मिंग क्या है? उसके प्रभाव और मुक्ति के उपायों का वर्णन करें।

उत्तर : ग्लोबल वार्मिंग वातावरणीय प्रदूषण के कारण धरती के तापक्रम में वृद्धि को कहा जाता है। वैश्विक उष्णता (Global warming) में वृद्धि के निम्नलिखित कारण हैं— (i) जीवाश्म ईंधनों का प्रयोग, वृक्षान्मूलन तथा भूमि प्रयोग में परिवर्तन के कारण CO2 के प्रतिशत में वृद्धि। (ii) ग्रीन हाउस गैसों के स्तर में वृद्धि के कारण पृथ्वी की सतह के ताप का बढ़ जाना। (iii) मानव जनसंख्या में वृद्धि के कारण वनों का कटना ।

वैश्विक उष्णता के प्रभाव : (i) CO, की सांद्रता में वृद्धि से प्रकाश संश्लेषण की दर में वृद्धि होगी जिससे स्टोमेटा के परिवहन क्षमता में कमी आती है। (ii) भूमंडलीय औसत तापक्रम में वृद्धि से ध्रुवीय बर्फ पिघलेगी जो बाढ़ तथा सूखे को बढ़ाएगी। कुछ निम्न भूमि पानी में डूब जाएगी। (iii) तापक्रम में परिवर्तन से बहुत-सी जातियाँ ध्रुव की ओर स्थानांतरित हो जाएँगी। ताप संवेदी वृक्षों की बड़ी संख्या लुप्त हो जाएगी और उनका स्थान छोटी झाड़ियाँ ले लेंगी। (iv) तापक्रम में वृद्धि अनेक पादप रोग तथा रोगवाहकों को जन्म देंगे तथा खरपतवार में वृद्धि होगी। इस प्रकार कुल उत्पादन कम हो जाएगा।

वैश्विक उष्णता वृद्धि से मुक्ति के उपाय : (i) जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को कम करके, (ii) ऊर्जा दक्षता में सुधार करके, (iii) वनोन्मूलन को कम करके, (iv) वृक्षारोपण और मनुष्य की बढ़ती हुई जनसंख्या को कम करके तथा (v) वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयास करके।

हम वैश्विक उष्णता वृद्धि को कुछ सीमा तक ही नियंत्रित कर सकते हैं।

(7). टेस्ट-ट्यूब बेबी किसे कहते हैं ?

उत्तर : टेस्ट ट्यूब बेबी पात्रे निषेचन (In vitor fertilization) का एक उदाहरण है। इसमें अंडे का निषेचन शरीर के बाहर होता है। फिर zygote को 8 कोशीय भ्रूण तक विकसित कर माता के शरीर में फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश कराया जाता है जहाँ भ्रूण का आगे का विकास हो पाता है। अत: इसे Zygote Intra Fallopian Transfer (ZIFT) कहते हैं। यदि भ्रूण का विकास 8 कोशिका से अधिक में होता है, तो इसे सीधे गर्भाशय में प्रतिस्थापित किया जाता है। इसे Intra Uterine Transfer (IUT) कहते है। सबसे पहले टेस्ट ट्यूब बेबी लुईस जॉय ब्राउन 1978 में इंग्लैंड में पैदा हुई थी। जबकि भारत में सबसे पहला टेस्ट ट्यूब बेबी कुम हर्षा, 1986 में मुंबई में पैदा हुई थी।

रक्त के कार्य बताएँ।

उत्तर : रक्त के कार्य- (i) फेफड़ों से ऊतकों तक ऑक्सीजन का परिवहन करना। (ii) विभिन्न ऊतकों में कार्बन-डाइऑक्साइड को एकत्रित करके उसका फेफड़ों तक परिवहन करना। (iii) उपापचय में बने विषैले एवं हानिकारक पदार्थों को एकत्रित कर अहानिकारक बनाने के लिए यकृत में भेजना। (iv) विभिन्न प्रकार के उत्सर्जी पदार्थों को उत्सर्जन हेतु वृक्कों तक पहुँचाना। (v) विभिन्न प्रकार के हॉर्मोनों का परिवहन करना। (vi) छोटी आँतों के पचे भोज्य पदार्थों का अवशोषण भी रक्त प्लाज्मा द्वारा होता है जिसे

यकृत और विभिन्न ऊतकों में भेज दिया जाता है। (vii) शरीर के तापक्रम को नियंत्रित रखना। 7. मरुस्थलीय पौधों के पारिस्थितिक अनुकूलन का उल्लेख करें।

उत्तर : मरुस्थलीय पादपों का अनुकूलन अनेक मरुस्थलीय पादपों की पत्तियों की सतह पर मोटी उपत्वचा (क्यूटिकल) होती है और उनके रन्ध्र (स्टोमेटा) गहरे गर्त में व्यवस्थित होते हैं, ताकि वाष्पोत्सर्जन (ट्रांस्पिरेशन) की दर को कम किया जा सके। उनके प्रकाश संश्लेषी (सी ए. एम.) मार्ग भी विशेष प्रकार के होते हैं जिसके कारण वे अपने रन्ध्र दिन के समय बन्द रख सकते हैं। कुछ मरुस्थली पादपों जैसे नागफनी, कैक्टस आदि में पत्तियाँ नहीं होती बल्कि वे कॉटों के रूप में रूपांतरित हो जाती हैं और प्रकाश संश्लेषण का प्रकार्य चपटे तनों द्वारा होता है।

8. डी.एन.ए. संपरीक्षक (प्रोव) क्या है? जैव प्रौद्योगिकी में इसके उपयोग बतावें।

उत्तर : DNA Probe एक आनुवांशिक पदार्थ है। जैव प्रौद्योगिकी में DNA प्रतिकृति (Replication) प्राणी के अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है। यह स्पीशीज में पाई जाने वाली विभिन्न विशेषताओं के अस्तित्व को बना कर रखने में सहायक है। DNA में विभिन्नता बहुत धीमी गति से उत्पन्न होती है। इसमें नई विभिन्नता के साथ-साथ पुरानी पीढ़ियों की विभिन्नताएँ संग्रहित रहती हैं। इसलिए समष्टि के दो जीवों में विभिन्नताओं के पैटर्न भी काफी अलग होते हैं। इसके द्वारा दो या अधिक एकल जीवों को विभिन्नताओं के नए संयोजन उत्पन्न होते हैं क्योंकि इस प्रक्रम में दो विभिन्न जीव भाग लेते हैं। DNA की प्रतिकृति पीढ़ियों तक गुणों को आगे लेकर चलती है। इससे शारीरिक डिजाइन में समता बनी रहती है पर नई विभिन्नताओं के कारण इसमें परिवर्तन आते रहते हैं। इससे प्राणी का अस्तित्व बना रहता है। DNA आनुवंशिक गुणों का संदेश है जो जन्म से संतान को प्राप्त होता है। इसके केंद्रक में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना विद्यमान होती है। सूचना के बदल जाने पर प्रोटीन भी बदल जाएगी जिस कारण शारीरिक अधिकल्प में भी विविधता उत्पन्न हो जाती है। DNA प्रतिकृति बनने के साथ-साथ दूसरी कोशिकीय संरचनाओं का सृजन भी होता है। जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण DNA की प्रतिकृति बनने के साथ-साथ दूसरी कोशिकीय संरचनाओं का सृजन भी होता है। जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं के

कारण DNA की प्रतिकृति में कुछ विभिन्नता उत्पन्न हो जाती है। 9. जैव विविधता की परिभाषा लिखें एवं इसके महत्त्व को बताएँ।

उत्तर : जैव विविधता किसी क्षेत्र विशेष की समस्त जीनों, जातियों एवं पारितत्रों का संग्रह है। इसके तीन स्तर हैं— (i) जीन स्तर, (ii) जाति स्तर तथा (iii) सामुदायिक या पारितंत्र स्तर

हाल में इसके महत्त्वपूर्ण होने के निम्न कारण हैं— (i) जैविक विविधता का अमाप जाने बिना ही हम इसे खोते जा रहे हैं। (ii) जैव विविधता का ह्रास जीवों के विकास की क्षमता, जो पर्यावरणीय परिवर्तनों का सामना करने के लिए आवश्यक है, को रोकेगा। (iii) जैव विविधता मानव को भोजन तथा नई फसलें स्रोत देती है। (iv) यह हमे कई दवाएँ तथा पेट्रोलियम के स्थानापन्न स्रोत देती है।

Bihar Board Class 10 Th Hindi question Answer 2023

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